


देशभर में स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब हमारे बीच नहीं हैं। 6 फरवरी, 2022 को उनका निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के बारे में जानने के बाद, पूरा देश शोक में डूब गया था। लता दीदी के निधन से संगीत की दुनिया को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। 8 जनवरी, 2022 को लता मंगेशकर कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं। इतना ही नहीं उन्हें कोरोना के अलावा निमोनिया भी हो गया था, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई थी। लता जी को गुजरे हुए भले ही एक साल हो गया, लेकिन आज भी उनके चाहने वाले उन्हें भुला नहीं पाए।
पिता ने की थी बेटी के सिंगर बनने की भविष्यवाणी
लता जी (Lata Mangeshkar) 13 साल की थीं जब उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। लता जी के पिता उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ छोड़ के चले गए थे। लता जी ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर मेरे पिता जीवित होते तो आज मैं गायिका नहीं होती। उन्होंने दावा किया कि उनके पिता लंबे समय से अनजान थे कि लता जी के पास इतनी प्यारी आवाज है। जब उनके पिता को इस बारे में पता चला तो वे उनकी स्किल्स को और निखारना चाहते थे। लता जी के पिता उनकी आवाज से भांप गए थे की उनकी बेटी समय के साथ एक महान गायिका बनेगी।
Lata Mangeshkar ने 30 हजार से भी ज्यादा गाने गाए थे
आपको बता दें कि लता मंगेशकर ने 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। वे तीन राष्ट्रीय और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों के साथ-साथ भारत के तीन सर्वोच्च नागरिक सम्मान (भारत रत्न, पद्म भूषण और पद्म विभूषण) से नवाजी जा चुकी थीं। हालांकि कहा जाता है कि एक समय ऐसा भी था जब लोग उनकी आवाज को नापसंद करते थे। उनकी पतली आवाज के कारण उन्हें फिल्मों में आने से रोक दिया गया था, लेकिन उन्होंने अंततः संगीत की दुनिया पर राज किया।
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